श्री आसारामायण के 108 पाठ जल्दी-जल्दी करना ठीक है ,या 5-10 पाठ अच्छे से करना उचित होगा ?


श्री आसारामायण के 108 पाठ जल्दी-जल्दी करना ठीक है ,या 5-10 पाठ अच्छे से करना उचित होगा ?


पूज्य बापूजी :   





आसारामायण का पाठ शांति से भी कर सकते है और विश्रांति पाए तो भी लाभ देते है । लेकिन ,"एक सौ आठ जो पाठ करेंगे ,उनके सारे काज सरेंगे..." कोई कारज (कार्य) की सिद्धि करनी हो ,और यह विश्वास पक्का हो तो वह (जल्दी पाठ करना ) भी ठीक है और वह (धीरे पाठ करना ) भी ठीक है ।